Shaitan (Devil) को इसलिए बंद कर दिया जाता है ताकि Roza (Fasting person) को अपना शिकार न बना सके और बहका कर Khuda (Allah) की ताअत व बंदगी और Roza ke Fazail (Virtues of Fasting) से महरूम न कर सके। ताकि Banda (Servant of Allah) अपने दुश्मन से मुतमईन और बेख़ौफ़ होकर अपने Rabb (Lord) की इबादत में मशगूल रहे।
⚠️ लेकिन सवाल यह होता है कि जब Shaitan बंद हो जाता है तो फिर Ramzan (Ramadan) में लोग Gunahon ka irtikab (committing sins) क्यों करते हैं? Khuraafaat (useless acts) और Maasi (sins) में कैसे फंस जाते हैं? अपने Rabb ki Nafarmani (disobedience of Allah) कैसे कर बैठते हैं? जब कि बहकाने वाला दुश्मन Shaitan बंद होता है।
इसका जवाब यह है कि Shaitan में जो बड़े-बड़े और सरकश होते हैं, वे Muqayyad (chained) कर दिए जाते हैं, लेकिन आम Shayateen (devils) खुले रहते हैं और यही Waswasa (whispering evil thoughts) डालकर Gunah के करीब कर देते हैं।
और दूसरा जवाब यह है कि गुमराह करने वाला एक Androoni Shaitan (inner devil) होता है जो बंद नहीं किया जाता, और दूसरा बाहरी Shaitan होता है जो बंद कर दिया जाता है। और उसी Androoni Shaitan के बहकाने और बुराइयों पर उकसाने से इंसान Gunah करता है और Ramzan ki Hurmat (sacredness of Ramadan) को पामाल कर देता है।
📚 (Mahe Ramzan Aaya, Safah 8)